कोरोना वायरस से बचाव के साथ इन मिथकों से बचना भी है ज़रूरी

कोरोना वायरस ने अब तक चीन में हज़ारों लोगों को बीमार कर दिया है और इसकी वजह से कई लोगों की जान भी चली गई है। सांस की तकलीफ को बढ़ाने वाले इस वायरस की पहचान सबसे पहले चीन के वुहान शहर में हुई। तेज़ी से फैलने वाला ये संक्रमण निमोनिया जैसे लक्षण पैदा करता है।


चीन की सरकार ने संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावित शहरों को देश के बाकी हिस्सों से अलग करके रखा हुआ है। वहां जाना या वहां से बाहर निकलना बिल्कुल बंद है। आइए जानते हैं कि आखिर ये वायरस कैसे फैलता है। साथ ही जानें इससे जुड़े तथ्य और मिथ्य-  


कोरोना वायरस कई वायरसों का एक समूह है। पशुओं में यह वायरस पाया जाना सामान्य है। इस वायरस को वैज्ञानिक जूनैटिक नाम से भी पुकारते हैं। इसका अर्थ होता है पशुओं से मनुष्य में फैलने वाला वायरस। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से हवा में फैलता है।


संक्रमित व्यक्ति को छूने और हाथ मिलाने से भी यह वायरस दूसरे व्यक्ति को चपेट में ले लेता है। ऐसी सतह जिस पर वायरस हो, उसे छूने के बाद यदि आप अपने मुंह, आंख या नाक को छूते हैं, तो उससे आप भी संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा, विशेषज्ञों का कहना है कि इसके संक्रमण के कारण मौत का खतरा लगभग 20 फीसदी ही है, ऐसे में यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि संक्रमण का मतलब मौत है।